बहुत दिनों बाद नेटफ्लिक्स पर एक अच्छी फिल्म रिलीज हुई है, फिल्म का नाम है जोगी, 1984 वाले सिख दंगों की कहानी है, कहानी में उन सिखों का पक्ष दिखाया गया है जो दिल्ली में रहते थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कत्ल के बाद उन सिखों के साथ कैसा बर्ताव किया गया बस वही कहानी को ढंग से विस्तार से बताया गया है। यहाँ हम जोगी फिल्म का रिव्यू कर रहें हैं। Scroll down to read Jogi review in hindi.
जोगी फिल्म की कास्ट एवं क्रू
👨👨👧👦 कलाकार – दिलजीत दोसांझ, अमायरा दस्तूर, मोहम्मद जीशान अय्यूब, हितेन तेजवानी, अपिंदरदीप सिंह, परेश पाहूजा, नीलू कोहली, कुमुद मिश्रा, मिखाइल यावलकर, सदानंद पाटिल
🎬 निर्देशक – अली अब्बास जफर
✍️ लेखक – सुखमनी सदाना, अली अब्बास जफर
💰 निर्माता – अली अब्बास जफर, हिमांशु किशन मेहरा
🎫 रिलीज – 16 सितंबर 2022, नेटफ्लिक्स पर
जोगी फिल्म की कहानी
फिल्म की शुरुवात होती है एक सिख परिवार से। सब खुश हैं और शाम को एक बच्चे का जन्मदिन मनाने का प्लान कर रहे हैं। ये परिवार होता है जोगिंदर का जिसे लोग प्यार से जोगी भी कहते हैं। बता दें कि फिल्म का हीरो जोगी (दिलजीत दोसांझ) ही है। फिल्म के शुरुवात में ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो जाती है जो की उन्हीं के बॉडीगार्ड में से ही 2 सिख ने किया होता है, इससे देशभर में एक खराब संदेश जाता है और सिखों को हीन दृष्टि से देखा जाता है।
बस फिल्म की कहानी शुरू हो जाती है दिल्ली में सिख आबादी वाले क्षेत्रों में आग लगाई जाती है। बसों में आग लगाई जाती है। पुलिस और नेता तो सिखों को ढूंढ-ढूंढ के मारने पे उतारू हो जाते हैं। जोगी अपने पिता के साथ भाग दौड़ करता है और जान बचाता है। जोगी का एक पुलिस वाला दोस्त है रविंद्र जो जोगी की हर कदम पर मदद करता है। जोगी अब ट्रक में भर के लोगों को पंजाब पहुँचाने की कोसिस करता है। एक ट्रक पहुँचा भी देता है।
दूसरे ट्रक को पहुंचाने में दिक्कत आती है, पकड़े जाते हैं। मार कुटाइया भी होती है इसी पर कहानी आधारित है। फिल्म 1980 के दसक की कहानी बायाँ करती है।
जोगी फिल्म का रिव्यू | Jogi Review In Hindi
जोगी फिल्म का रिव्यू निम्नलिखित है। Film Jogi review in hindi is as follows:
ऐक्टिंग
जोगी फिल्म में तो ऐक्टरों ने ही कमाल किया है, सबकी परफॉरमेंस एक दूसरे पर भारी पड़ रही हैं। दिलजीत दोसांझ फिल्म के हीरो हैं जोगी के किरदार में इनसे बेहतर कोई नहीं हो सकता था, अपने किरदार में दिलजीत ने सच में दिल जीत लिया और कहीं कहीं सच में रोना आ जाता है। अमायरा दस्तूर फिल्म में जोगी की प्रेमिका बनी हैं काफी कम समय के लिए स्क्रीन पर रहती हैं लेकिन जितना भी रही हैं कमाल करके गई हैं।
मोहम्मद जीशान अय्यूब की ऐक्टिंग के चर्चे आपने सुने ही होंगे इस फिल्म में देख भी लोगे, ये लड़का खुद को सबित कर देता है चाहे जैसा भी रोल हो। कुमुद मिश्रा के किरदार पर आपको बहुत गुस्सा आएगा लेकिन यही इस किरदार की सफलता है। कुमुद फिल्म के विलेन हैं और बाकमाल इन्होंने अपने काम को दर्शाया है। दिलजीत के बाद कुमुद ही हैं जिनकी परफॉरमेंस ने कहानी में चार चाँद लगा दिया है।
डायरेक्शन एवं लेखन
अली अब्बास जफर फिल्म के डायरेक्टर और राइटर भी हैं, इन्होंने ने ईमानदारी से अपना काम अच्छा किया है, ये काम आपको शुरू में ही पता चल जाएगा जब इन्होंने ने नाश्ते के टेबल पर पराठा, लस्सी और लिटिल-लिटिल की चर्चा की है। डिरेक्शिन में जफर ने कोई शिकायत का मौका नहीं दिया। लेखन भी बेहतरीन है फिल्म कई जगह पे आपको रुला देगी। आप फिल्म की कहानी में खो जाएंगे।
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तकनीकी पक्ष
फिल्म का तकनीकी पक्ष भी काफी मजबूत है, फिल्म में शुरू से अंत तक कैमरा और लाइट का सही प्रयोग हुआ है, नाजायज एक्सपेरिमेंट भी नहीं किया गया है। 1980 के दशक को काफी बारीकी से दिखाया गया है। फिल्म की दमदार कहानी इसके कमियों को मूँद देती है।
जोगी फिल्म को कितने स्टार्स ?
जोगी फिल्म की कहानी, ऐक्टिंग, निर्देशन सब अच्छा है, इस फिल्म में कोई खास कमी देखने को नहीं मिली। फिल्म की कहानी ऐसी है की ज्यादा एक्सपेरिमेंट कर नहीं सकते और ऐसी कहानी पर फिल्में अक्सर चल जाती हैं। ये फिल्म 5 स्टार भी ले सकती थी अगर फिल्म में कुछ नयापन देख पाते। लेकिन तमाम परफॉरमेंस और कहानी को देखते हुए हम खुशी-खुशी फिल्म को 4 स्टार दे रहे हैं।
हमारी राय
जोगी फिल्म एक अच्छी कहानी लेके आई है – इस कहानी के बारे में सबको पता होना चाहिए। फिल्म में सबने काफी अच्छी परफॉरमेंस दी है इसलिए आपको ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए। तो ये था फिल्म जोगी का हिन्दी रिव्यू आपकी क्या राय है हमें कमेन्ट करके बताएं। ऐसी ही और खबर पढ़ने के लिए हमारी वेबसाईट देखें और हुमसे जुड़े रहने के लिए सोशल मीडिया पर हमें फॉलो करें – फेस्बुक | ट्विटर | इंस्टाग्राम और विडिओस लिए हमारा यूट्यूब चैनल है सबस्क्राइब करलो। हम हैं खबरज़ादे हमारा अंदाज़ निराला है।